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अब महिला बाल विकास विभाग भी मांगों को लेकर मैदान में

भोपाल (सुनील योगी)। संयुक्त मोर्चा संघ के प्रदेश अध्यक्ष इंद्रभूषण तिवारी ने बताया कि वेतन विसंगति की मांग 30 साल से लंबित है,इसके साथ ही अधिकारियों को पदनाम सहित टाइम स्केल देने,पर्यवेक्षकों को 4 प्रोन्नति दिए जाने, संविदा पर्यवेक्षको को नियमित करने,विकास खंड महिला अधिकारियों को परियोजना अधिकारियों के पद पर मर्ज करने एवम वापस लिए गए आहरण संवितरण अधिकार पुनः दिये जाने की मांग संयुक्त मोर्चा संघ द्वारा विगत लंबे समय से की जा रही है। लेकिन विभाग द्वारा निराकरण हेतु कोई भी सकारात्मक प्रयास नहीं किया गया है।
साथ ही पिछले 2 वर्ष से मध्यप्रदेश शासन मैं स्वयं मुख्यमंत्री महिला बाल विकास विभाग के मंत्री हैं, उनसे मुलाकात के लिए कई बार प्रयास किया लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा संघ के प्रतिनिधिमंडल को मुलाकात का समय नहीं दिया जा रहा है। जिससे संयुक्त मोर्चा संघ के सदस्यों में बेहद निराशा है, इससे व्यथित होकर संघ ने चरणबद्ध आंदोलन करने की चेतावनी दी गई है। इसी के तहत 2 मार्च को पूरे प्रदेश में जिला कलेक्टर एवम संभाग कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा जाएगा,3 मार्च को पूरे प्रदेश के पर्यवेक्षक एवं परियोजना अधिकारी,प्रशासक वन स्टाप,खंड ससक्तिकरन अधिकारी एक दिन के सामूहिक अवकाश पर रहेंगे और अपनी मांगों के संबंध में मध्यप्रदेश शासन मुख्यमंत्री को पोस्टकार्ड भेजेंगे।
5 मार्च को लाडली बहना योजना के शुभारंभ अवसर पर जो भी जनप्रतिनिधि रहेंगे उनको रक्षा सूत्र बांधकर अपनी मांगे पूरी करने का निवेदन करेंगे। 6 मार्च से 10 मार्च के बीच में प्रदेश के सभी विधायकों, सांसदों,मंत्रियों को लाल गुलाब का फूल देकर ज्ञपन दिया जावेगा।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष इंद्रभूषण तिवारी द्वारा बताया गया कि अगस्त 2018 से ग्रेड पे बढ़ाने की फ़ाइल शासन के समक्ष लंबित है ।
वर्तमान में प्रदेश के अधिकारियों एवं पर्यवेक्षको को देश में सबसे कम वेतन दिया जा रहा है, जबकि सबसे अधिक काम विभाग के अधिकारियों द्वारा किया जाता है। श्री तिवारी द्वारा बताया गया कि महाराष्ट्र,उत्तरप्रदेश,बिहार, हरियाणा और झारखंड में 5400 ग्रेड पे है,इसके साथ ही छत्तीसगढ़ जो हमसे टूटकर बाद में अलग हुआ वहां भी 4300 ग्रेड पे है लेकिन हमारे यहां 3600 रुपये अपमानजनक ग्रेड पे दी जा रही है जिसपर शासन द्वारा कोई ध्यान नहीं है ।
इसी तरह विभाग ने व्यापमं परीक्षाओं के द्वारा संविदा पर्यवेक्षकों को नियुक्त किया गया अब उनको दोबारा परीक्षा देने के लिए बाध्य किया जा रहा है जबकि शिक्षा विभाग एवं जन शिक्षा अभियान में ऐसे अनेक लोगों को नियमित किया गया है जिनमें कोई भी परीक्षा नहीं दी थी ,तो हमारे यहां संविदा पर्यवेक्षक व्यापम परीक्षा पास करके लगातार 10 साल से सेवा दे रहे हैं,पद भी खाली हैं तो उन्हें नियमित किया जावे।
पर्यवेक्षक संघ की प्रदेश अध्यक्ष अंजू कोर्पे ने बताया कि 14 मार्च को सभी जिलों में संघ की बैठक होगी एवं 15 मार्च से सभी अनिश्चिकालीन सामूहिक अवकाश पर जाएंगे। उन्होंने बताया कि अप्रैल 2018 में तात्कालिक महिला बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनीस द्वारा परियोजना अधिकारी को ग्रेड पे 3600 से बढ़ाकर ₹4800 करने एवं पर्यवेक्षकों की ग्रेड पे ₹2400 से बढ़ाकर ₹3600 करने का प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा दिया था। से यह प्रस्ताव लंबित है। लगातार संपर्क करने पर प्रयास करने पर भी उसने कोई प्रोग्रेस नहीं हुई है।
श्रीमती अंजू प्रदेशाध्यक्ष पर्यवेक्षक संघ द्वारा बताया गया कि पिछले साल 20 मार्च से 25 मार्च तक ही संयुक्त मोर्चा द्वारा 5 दिन की हड़ताल की गई थी,विभाग ने लिखित में आश्वासन दिया था। कि मांगे अतिशीघ्र पूरी करवाई जाएंगी लेकिन आज तक पूरी नहीं कराई गई जिससे सभी सदस्यों में बेहद निराशा एवं कुंठा है यह कदम उठाया गया है।

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