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शास्त्र को छोड़ा तो संस्कृति मिट जाएगी और शस्त्र को छोड़ा तो देश मिट जाएगा… देवकीनंदन ठाकुर

देवास। किसी भी देश को अखंड बनाए रखने के लिए दो चीज की आवश्यकता होती है एक शास्त्र और दूसरा शस्त्र। भगवान राम और कृष्ण ने भी दोनों से प्रेम किया है। उन्होंने शास्त्र का अध्ययन कर संस्कृति की रक्षा की और शस्त्र उठा करके राष्ट्र की रक्षा की। हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। इस आजादी की अखंडता के लिए उन वीरों की गाथा को घर-घर पहुंचाने की आवश्यकता है, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर राष्ट्र में स्वराज को स्थापित किया है। वीरों की गाथा बच्चों में राष्ट्रभक्ति के साथ साहस पैदा करेगी। तभी हमारे बच्चे शस्त्रों का ज्ञान प्राप्त करने के लिए प्रेरित होंगे। बच्चों में बचपन से ही शास्त्र का अध्ययन कराना होगा। तभी वो सनातनी होकर हमारी संस्कृति और राष्ट्र की रक्षा करने योग्य बन पायेंगे। शास्त्र चरित्र का निर्माण करता है और हमारी धर्म संस्कृति को अक्षुण बनाए रखता है। शस्त्र देश को सुरक्षित और निर्भीक बनाता है। हमारा भारत जिसकी संस्कृति और सभ्यता ने विश्व को जीना सिखाया। अगर हमने शास्त्र को छोड़ा तो हमारी संस्कृति मिट जाएगी और अगर शस्त्र में निपुर्ण नही हुए तो देश मिट जाएगा। इस राष्ट्रभक्ति और अध्यात्म का चिंतन के विषय पर कैला देवी मंदिर पर हो रही श्रीमद भागवत कथा के दूसरे दिन विश्व शांति दूत अध्यात्म प्रवक्ता देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि हिन्दू कोई धर्म नही है, धर्म है सनातन। सनातन धर्म ईश्वर के द्वारा प्रतिपादित है। आप किसी भी धर्म को अपनाएं,मगर अंत में सनातन पंत ही आपको ईश्वरीय तत्व की अनुभूति और भक्ति की शक्ति का परिचय करा सकता है। ठाकुर अनेक आध्यात्मिक विचारों को श्रोताओं की हृदय तंत्री तक पहुंचाया। आपने कहा कि चिता की चिंता करोगे को प्रभु का चिंतन होगा। संसार में तन के साथ रहो, परंतु गोंविद के साथ मन से रहो। कथा प्रसंग में सुखदेव जी के जीवन और चरित्र का वर्णन करते हुए आपने अनेकों उदाहरण से कथा के सार का बहुत जी सुंदर चित्रण किया। आपने कहा कि कथा में निद्रा उसी को आती है जिस पर प्रभु की कृपा नही है। पाप करोगे तो और कथा सुनोगे तो कथा में भी सो जाओगे। पाप से मुक्ति चाहते हो तो कथा तो सुनना पड़ेगी। कथा को चोरी से नही व्यासपीठ के सम्मुख बैठकर सुनोगे तभी पाप से मुक्त हो पाओगे। माया को जिसने पकड़ा वो भगवान से दूर है। मगर जिन्होंने भगवान को पकड़ा वही इस कथा में मौजूद है। इस अवसर पर देवास जिले के वीरपुत्र शहीद जागेश्वर धाकड़ के पिता श्री केदारसिंह धाकड़ का व्यासपीठ से ठाकुर ने सम्मान किया। कार्यक्रम में पधारे वृद्धाश्रम के वृद्धजनो का सम्मान किया गया। व्यासपीठ की पूजा मन्नुलाल गर्ग के परिजन दीपक गर्ग, अनामिका गर्ग एवं परिवार ने की। आरती में विशेष रूप से भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष बहादुर मुकाती, सीएसपी विवेकसिंह चौहान,सिविल लाईन थाना प्रभारी संजयसिंह,ज्योतिषाचार्य व्हीएल भट्ट,कथा संयोजक रायसिंह सेंधव,कथा समिति अध्यक्ष दुर्गेश अग्रवाल,विपिन रघुवंशी, वासुदेव परमार,एडवोकेट साधना प्रजापति,गरिमा श्रीवास्तव, कल्याणसिंह सेंधव,कमलकिशोर मोदी तराना,महेन्द्रसिंह आष्टा, माली समाज अध्यक्ष मनोहर जाधव,उमेश माली,मालवीय समाज के राजेश मालवीय,अनिल चौहान,संजू मालवीय,सेंधव समाज से ओंकारसिंह नागर,विक्रमसिंह, कल्याणसिंह,मानसिंह भाटी,अजबसिंह ठाकुर आदि उपस्थित थे। दस हजार से अधिक महिलाओं और पुरूषों ने कथा श्रवण करते हुए इस अवसर का लाभ उठाया। 

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