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कर्णेश्वर इंण्डेन गैस एजेंसी के कर्मचारियों की मनमानी से उपभोक्ता हो रहे परेशान…


देवास। जिलें के करनावद स्थित कर्णेश्वर इंण्डेन गैस एजेंसी के कर्मचारियों द्वारा रात से लेकर दिन भर टंकी को लेकर दबाव बनाया जा रहा है वहीं कहां जा रहा है कि टंकी ले लो,उपभोक्ता पत्रकार सलीम मंसूरी जिनकी डायरी कर्मचारी द्वारा आफिस में रख ली गई,और जब भी टंकी लेने जाते तो कहा जाता कि आप पहले डायरी तो बना कर देवें,कर्मचारी के द्वारा कहा गया कि डायरी आपके घर में ही रखी होगी ढूंढ लो उपभोक्ता द्वारा कहा गया कि मेरे द्वारा आवेदन 1 वर्ष पहले से दे चुका हूं और पुरानी डायरी भी जमा करा चुका हूं,नवीन डायरी बना कर दो लेकिन अगले महीने कहकर टाल देने से यही स्थिति उत्पन्न हो रही इसलिए मेरी नवीन डायरी बनाकर दे दो। जब जानकारी लेने के लिए जब कार्यालय पहुंचा तो वहां पर भी पूछताछ की तो कहा गया कि आप सीधे मालिक से बात कर लो जब इस विषय में गैस मलिक जोशी से बात की गई तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि मैं आज आ जाऊंगा और बाद में आपकी समस्या समझता हूं।
करनावद इंण्डेन गैस के कर्मचारी बिना ड्रेस के ही पूरे नगर में तेजी के साथ वाहन भगाकर टंकियां वितरित करते हैं जिससे हमेशा बड़ी अनहोनी होने की संभावना बनी रहती है गैस टंकियां भी उपभोक्ता को देते समय गाड़ी में से जोर से फेंकते हुए देते हैं और बगैर तोल कांटे के ही गैस सिलेंडर देते हैं नाम मात्र बताने के लिए कांटा रख रखा है कार्यालय पर सीधे मुंह कोई बात करना पसंद नहीं करता है, एक ही कर्मचारी बैठा रखा है जिसके कारण उपभोक्ताओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है हर टंकी में 200 से लेकर 500 ग्राम गैस कम देते हैं ऐसी जानकारी हमें जनता से रूबरू होने पर मिली है। यदि किसी के घर पर गैस चूल्हे में गैस की कोई परेशानी आ जाए तो कर्मचारी भी मौजूद नहीं है कौन है क्या नाम है पता ही नहीं गैस लीकेज होने पर कर्मचारी ही उपलब्ध नहीं होते हैं सब अपनी मनमर्जी के काम इंण्डेन गैस एजेंसी के मालिक के द्वारा दबंगता पूर्वक एजेंसी चलाई जा रही है। जब गैस एजेंसी के मालिक का नाम पूछना चाहा तो फोन पर कहते हैं मैं अभी बिजी हूं वहीं आकर आपसे चर्चा करता हूं
उपभोक्ता को सही जानकारी भी देना उचित नहीं समझते हैं उपभोक्ता को कम से कम संतुष्ट तो करना चाहिए ग्रामीणों के द्वारा बताया गया कि टंकी बुकिंग के नाम से शायद हमसे शुल्क भी लेते हैं परंतु टंकी हमें कभी गोदाम से लाना पड़ती है तो कभी बाजार में से लाना पड़ती है।

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