देवास (सुनील योगी) । श्रीकांत श्रीवास्तव ने सेवानिवृत्ति के तत्काल बाद दौड़ लगाकर बीएनपी से घर तक का सफर तय करते हुए संदेश दिया की पिक्चर अभी बाकी है। मित्रों श्रीकांत श्रीवास्तव बैंक नोट प्रेस में भारतीय मुद्रा छपाई कार्य में लगे हुए थे विगत वर्ष कोरोना काउंट में जब नोट बंदी के तत्काल बाद ₹2000 का नोट प्रचलन में आया तब श्रीवास्तव ने अतिरिक्त समय बीएनपी को देकर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई सेवानिवृत्ति को सेवानिवृत्ति नहीं मानते हुए जवाबदारी मानकर उन्होंने अब बीएनपी से प्रमोशन होकर आम दुनिया में अपने आप को स्थापित किया है। सेवानिवृत्ति के बाद उनके मित्र बधाई देने पहुंचे वह ट ऑ भी बीएनपी से आवास नगर तक दौड़ लगाकर मित्र की सेवानिवृत्ति पर हौसला अफजाई करने घर तक आए 3 किलोमीटर की दूरी श्रीवास्तव एवं उनके मित्रों ने दौड़ कर तई करते हुए संदेश दीया की जीवन में कभी रुकना नहीं। जितना उत्साह बीएनपी सर्विस में प्रवेश का था। उतना ही उत्साह सेवानिवृत्ति पर दिखना उनकी स्वस्थता का परिचायक है । पूर्व मैं बीएनपी से सेवानिवृत्त सुभाष योगी ने बताया कि बैंक नोट प्रेस संस्था अपने कर्मचारियों का आरंभ से लेकर सेवानिवृत्ति तक पूरा ध्यान रखता है। और यही कारण है कि इस नौकरी को राजा नौकरी कहते हैं।
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