बागली (सुनील योगी)। बागली में संचालित संस्कृत शाला विद्यालय में 113 विद्यार्थियों की संख्या दर्ज है । लेकिन संस्कृत शाला भवन जर्जर होने की वजह से दो भवन की कक्षा एक स्थान पर लगाना मजबूरी बन गया है। वर्तमान में जर्जर हो चुका शाला भवन 1992 में बनाया गया था। तात्कालिक शिक्षकों ने उसी समय ठेकेदार की शिकायत अनुविभागीय अधिकारी से की थी किंतु ठेकेदार दबंग था और उसकी राजनीतिक पहुंच थी इसलिए उसका कुछ नहीं बिगड़ा और आरंभ से ही खराब एवं अपूर्ण स्थिति में भवन संस्था को मिला था । उक्त बिल्डिंग वर्तमान में पूरी तरह जर्जर होकर खतरनाक अवस्था में आ गई है । जिसे 8 वर्ष पूर्व खतरनाक घोषित कर इससे दूरी बना ली गई । दुर्घटना के डर के चलते इस भवन का उपयोग विगत 8 वर्षों से बंद कर दिया गया है । नवीन भवन परिसर इतने छात्रों के लिए छोटा पड़ रहा है। साथ में परिसर के आसपास कन्या शाला भवन की टूटी फूटी इमारतें होने से सनातनी माहौल की जगह गंदगी भरा माहौल यहां दिखाई देता है । देवास जिले के गिने-चुने संस्कृत शाला संस्था भवन है उनमें से ये इतने अधिक छात्राओं के अध्यापन कार्य का गवाह बना है। और ऐसी संस्थाओं में अध्यापन कार्य करनेवाले भवन की हालत जर्जर होना विचार करने का विषय है। बागली संस्कृत शाला संस्था प्रभारी राकेश नागोरी ने बताया कि विगत 2 माह पूर्व नवीन भवन बिल्डिंग का प्रपोजल बनाकर शिक्षा विभाग तथा संबंधित विभाग को पहुंचाया है, मंजूरी मिलते ही नया भवन बन सकता है। यहां पर देवास जिले के अलावा अन्य संभाग एवं अन्य प्रदेश से बच्चे संस्कृत अध्ययन करने आ रहे हैं। ऐसी स्थिति में उचित योगाभ्यास मंत्र अभ्यास और संस्कृत अभ्यास करना कठिन नजर आता है फिर भी मजबूरी में संकुचित जगह में यहाँ विद्यार्थी संस्कृत के जटिल श्लोक का अध्ययन कर रहे हैं। तात्कालिक विधायक दीपक जोशी द्वारा 2003 में भवन स्वीकृति राशि दी थी उस राशि में गुणवत्ता युक्त दो भवन निर्माण कर दिए गए हैं लेकिन बच्चों की संख्या को देखते हुए भवन मे जगह कम पड़ रही हैं इस संबंध में बागली बीईओ एनपी सिंह ने बताया कि संस्कृत शाला भवन निर्माण का प्रपोजल उच्चाधिकारियों को पहुंचा दिया गया है । शीघ्र ही राशि स्वीकृत हो जाएगी तो नवीन भवन निर्माण करा दिया जाएगा ।
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