शाजापुर । न्यायालय चतुर्थ अपर सत्र न्यायालय शाजापुर द्वारा नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी अर्जुन पिता देवीसिंह,निवासी ग्राम गिराना थाना सलसलाई जिला शाजापुर को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 3/4 में 7 वर्ष का सश्रम कारावास व रु.2000/- के अर्थदण्ड तथा भा.द.सं. की धारा 376(3) में 20 वर्ष का सश्रम कारावास व रु. 3000/- के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
पीड़ित नाबालिग बालिका के पिता ने वर्ष 2019 में थाना सलसलाई मे घटना रिपोर्ट लिखाई थी कि उसकी नाबालिग बेटी कहीं गुम हो गई है। इसके बाद विवेचना के दौरान पुलिस द्वारा नाबालिग लड़की को आरोपी अर्जुन पिता देवीसिंह निवासी ग्राम गिराना थाना सलसलाई जिला शाजापुर के कब्जे से दस्त्याब किया गया था । पीड़ित बालिका द्वारा पुलिस को बताया गया था कि दिनांक 24 मार्च 2019 को रात के दस बजे जब वह सो रही थी तो अर्जुन ने उसे फोन लगाकर बुलाया व उससे शादी करने का बोलकर अकोदिया ले गया । फिर अर्जुन उसे ट्रेन में बिठाकर इन्दौर ले गया और वहां एक कमरे में ले जाकर रखा व उसके साथ गलत काम किया। पीड़िता के बयान पर से आरोपी अर्जुन के विरुद्ध धारा 366क, 376(2)(एन), 376(3) भा.द.वि.एवं पॉक्सो अधिनियम की धारा 5एल/6 का कायम किया जाकर न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया। न्यायालय में विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्कों से सहमत होते हुए न्यायालय विशेष न्यायाधीश, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम एवं चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश, शाजापुर द्वारा आरोपी अर्जुन को दण्डित किया गया ।
प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी जिला लोक अभियोजन अधिकारी,शाजापुर देवेन्द्र कुमार मीना के विशेष मार्गदर्शन में विशेष लोक अभियोजक शाजापुर प्रतीक श्रीवास्तव द्वारा की गई।
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