शाजापुर। विशेष न्यायाधीश,लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम एवं चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश,शाजापुर म.प्र.द्वारा आरोपी पप्पू पिता भागीरथ बागरी,आयु 29 वर्ष निवासी नया चौमा थाना मो.बडोदिया लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 5(के)/6 में दोषी पाते हुए 10 वर्ष सश्रम के सश्रम कारावास एवं 5,000 रू के अर्थदण्ड़ से दण्डित किया गया
विशेष लोक अभियोजक शाजापुर प्रतीक श्रीवास्तव ने बताया कि, दिनांक 17/07/2019 को 19:20 बजे पीडिता की मां ने थाना मो.बडोदिया में जाकर सूचना दी थी । पीडिता लगभग 10 वर्ष की लडकी है जो ढंग से बोल नहीं पाती है व मानसिक रूप से थोडी विकृत है। घटना वाले दिन सुबह करीब 10 बजे पीडिता की मां और पीडिता जंगल से पानी लेकर घर आये। पीडिता घर के बाहर ही खेलने लगी। थोडी देर बाद भैंस को पानी पिलाने पीडिता की मां बाडे में गई,जहां उसे पीडिता के चिल्लाने की आवाज आयी तो वह दौडी और बागड के पीछे देखा तो आरोपी पप्पू पीडिता के साथ गलत काम कर रहा था। उसके बाद उसने उसके पति के आने पर उन्हें घटना बतायी तथा उनके साथ जाकर उक्त घटना की रिपेार्ट थाना मो0बडोदिया पर की थी।
थाना मो0बडोदिया शाजापुर के द्वारा रिपोर्ट दर्ज कर सम्पूर्ण अनुसंधान पश्चात चालान सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। श्री देवेन्द्र कुमार मीना,डीपीओ शाजापुर के मार्गदर्शन में शासन की ओर से पैरवी श्री रमेश सोलंकी,अति.डीपीओ.शाजापुर के द्वारा करते हुये प्रकरण में सभी साक्षीयों के कथन कराये गये एवं प्रतीक श्रीवास्तव विशेष लोक अभियोजक/ एडीपीओ शाजापुर द्वारा प्रकरण में अंतिम बहस प्रस्तुत की गई।
माननीय न्यायालय ने अभियोजन के द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्कों से सहमत होते हुये आरोपी को दण्डित किया ।
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