बागली (सुनील योगी) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जो भी योजना लागू की जा रही है वह निश्चित रूप से कारपोरेट जगत और रॉयल फैमिली के साथ उन्नत कृषक ओं को लाभान्वित करने वाली है योजना भले ही शासन स्तर पर नामांकित की गई हो लेकिन इसका फायदा कहीं ना कहीं किसी भी रूप में संबंधित समर्थक प्राप्त कर लेते हैं विगत दिनों विश्व हैरिटेज योजना के तहत करोड़ों रुपए बंदरबांट किए गए जिसमें पुरानी इमारत और पुराने महल किले तथा बंगलो की साज-सज्जा और व्यवस्थित सुधार के लिए करोड़ों रुपए विश्व हेरिटेज धरोहर के नाम पर खर्च करते हुए सीधे सीधे व्यक्तिगत तौर पर लाभ दिया गया उसी प्रकार अमृत सरोवर योजना कागजों पर सार्वजनिक बताई गई है किंतु यह भी समर्थक व्यक्तियों को लाभ देने के लिए बनाई गई है हाल ही में ऐसा मामला आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र ग्राम पंचायत गुवाडी में देखने में आया है यहां पर अमृत सरोवर के नाम पर लाखों रुपए खर्च कर तालाब निर्माण किया गया और स्वप्न दिखाया गया कि यह तालाब सार्वजनिक पर्यटन पार्क के रूप में काम करेगा यहां पर मॉर्निंग वॉक तथा बच्चों को खेलने के लिए सुंदर गार्डन हरियाली युक्त वृक्षों के साथ रहेगा झंडा वंदन सुविधा और योगाभ्यास करने की सुविधा इस तालाब में रहेगी लेकिन हकीकत में यह व्यक्तिगत लाभ दिया गया बात सामने आई कि उक्त शिक्षक ने तालाब के नाम पर अतिक्रमण कर इस पर अपना कब्जा जमा लिया है और सार्वजनिक लोगों को आना जाना पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया है यह जांच का विषय है इसके लिए जनपद सीईओ प्रभांशु सिंह पूरी तरह दोषी है उनकी देखरेख में ही तालाब का निर्माण हुआ।