टोंकखुर्द।राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशन व जिला व सत्र न्यायाधीश प्रभात कुमार मिश्रा के मार्गदर्शन में शनिवार को टोंकखुर्द न्यायालय परिसर में संविधान दिवस के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।कार्यक्रम में उपस्थित सभी अधिवक्तागण,न्यायिक कर्मचारीगण व पक्षकारगण को न्यायाधीश बुदेसिंह सोलंकी ने संविधान की प्रस्तावना की शपथ दिलाई और बाद में न्यायालय परिसर में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।शिविर में न्यायाधीश सोलंकी ने कहा कि भारत का संविधान देश का सर्वोच्च विधान है जो संविधान सभा द्वारा 26 नवंबर 1949 को पारित हुआ तथा 26 जनवरी 1950 को प्रभावी हुआ ।हमारे देश का संविधान विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान है। भारत के संविधान में सभी के आत्म सम्मान और संरक्षण की बात समाहित है।न्यायाधीश श्वेता खरे ने कहा कि संविधान की प्रस्तावना संविधान की आत्मा है। संविधान के समस्त आदर्शों की झलक संविधान की प्रस्तावना में परिलक्षित होती है। संविधान के प्रावधानों व उसके आदर्शो का पालन करना हमारा कर्तव्य है। संविधान का पालन करने से ही विधि की शासन व्यवस्था कायम होती है। सामाजिक,आर्थिक व राजनैतिक न्याय की व्यवस्था से समाज के सभी वर्गो को प्रगति करने का अवसर प्राप्त होता है और सभी का कल्याण होता है
शिविर में सितलेश केसरवानी,सुमेरसिंह यादव,अंतरसिंह खरवाडिया,सतीश पटेल,अजय बामनिया ने भी अपने विचार रखे।इस अवसर पर दिलीपसिंह पंवार,गोविंदसिंह वर्मा,जगदीश सिंह गालोदिया,सौदानसिंह ठाकुर,मुश्ताक अहमद सिद्दीकी, पदमसिंह उदाना,श्याम गालोदिया,आशीष भंडारी,जगदीश लाठिया,विनय श्रीवास्तव,उमेश भंडारी,आदि उपस्थित थे।कार्यक्रम का संचालन शशिकांत शर्मा ने किया और आभार सुनील लाड ने व्यक्त किया।
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