बागली (सलीम मंसूरी खोजी) । जिले मे समाजसेवा,सहयोग और सद्भावना के सुन्दर,प्राकृतिक रुप से समृद्ध बागली मे अवैध कारोबार की खेती सफलताओं का कीर्तिमान बना रही है । सट्टा-जुआ और अवैध शराब कारोबारियों ने खाकी की कथित सांठगांठ से अपने धंधे का विस्तार कर लिया है ।
बागली क्षेत्र में खुलेआम सट्टा-जुऐं का यह कारोबार फलफूल रहा है। बताया जा रहा है कि बागली में दो ग्रुप अलग-अलग हफ्ता,महिना और बड़ी दक्षिणा देकर इसे संचालित कर रहे हैं । सटोरियों की हालत यह है कि सट्टा लगाने के लिए 10 से 12 किलोमीटर दूर ग्रामीण क्षेत्र से बागली आकर सट्टा लगा रहे हैं । वैसे मोबाइल पर यह कारोबार होता है लेकिन नगद राशि लेने देने के लिए सट्टा अड्डों पर आना जरूरी रहता है । इस संबंध में मोटी रकम भी बाटी जा रही है । यह सब कुछ जवाबदार और जिम्मेदारों की देखरेख में ही संचालित हो रहा है। इस कारोबार में जुड़े लोग तो पनप रहे हैं लेकिन सट्टा लगाने वाले निरंतर कर्जदार बनते हुए परिवार के अन्य सदस्यों की गाढ़ी कमाई इन खायवालों के खाते में डाल रहे हैं । जब भी यह संचालक लोग हफ्ता देने में देर करते हैं तो जवाबदारो द्वारा छोटा-मोटा प्रकरण बनाकर,इन्हें डराकर फिर से वसूली शुरू कर दी जाती है और यह वसूली पेनल्टी सहित होती है।
कुछ लोगों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि काली का मंदिर परिसर,शिवाजी चौराहा,कोर्ट के आसपास और गांधी कॉलोनी में इनका प्रमुख संचालन होता है । दो प्रमुख लोग इस धंधे में मुखिया है । सबके अपने अपने गुर्गे चयनित चौराहे पर बैठे रहते हैं । दोपहर के समय एवं शाम के समय जब सट्टे के अंक खुलते हैं तब घड़ी चौक,कालका मंदिर और गांधी कॉलोनी में अच्छी चहल-पहल दिखाई देती है। लेकिन यह चहल पहल जवाबदारों को अभी तक नहीं दिखाई दे रही है । वह तो सिर्फ अपने कमीशन की ओर ध्यान दे रहे हैं । बीपीएल राशि में मिलने वाला गेहू तक सट्टा लगाने वाले आदतन लोग बेच रहे हैं। कोई परिवार की संपति बैचकर सट्टा-जुऐं मे दाव लगा रहा है तो कोई कर्ज लेकर कमाना चाहता है। यदि कोई पत्रकार समाचार लगाता है तो उसको जान से मारने की धमकी तक दे दी जाती है और बड़े नेताओं का दबाव बनाकर झूठे प्रकरण तक दर्ज करा दिए जाते हैं आखिर खायवालों पर पुलिस कार्रवाई क्यों नहीं कर पाती। बागली को सट्टा-जुआ कारोबार का केन्द्र बनाने वाले जिला पुलिस अधीक्षक और ग्रामीण उप पुलिस अधीक्षक सहित थानाप्रभारी की दृष्टि से दूर क्यों हैं यह चर्चा का विषय है । अब बागली के बेलगाम सट्टा-जुआ कारोबार पर लगाम कब लगेगी ?,श्रद्धा और आस्था का यह केन्द्र सट्टा-जुआ कारोबारियों से मुक्त कब होगा? यह सवाल सबके सामने खड़ा है ?
बागली के बे-लगाम सट्टा-जुआ कारोबारियों को अपने सहयोगियों तथा उनकी शक्ति पर पूरा भरोसा है इसलिए वह निडर होकर अपना काम कर रहे हैं । बागली मे सटोरियों से सांठगांठ का यह सिलसिला कबतक चलता रहेगा? अवैध कारोबार की जानकारी पुलिस अधीक्षक तक कब जाएगी? और कार्रवाई कब होगी? यह समय बताएगा। फिलहाल बागली मे बे-लगाम अवैध सट्टा-जुआ चलता रहेगा…?
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