बागली । अपने दो मासूम बेटियों के लिए पति पत्नी के बीच में नेशनल लोक अदालत मे आपसी राजीनामा हुआ।
उदयनगर तहसील की कनाड में रहने वाली सुनीता का विवाह देवझिरी में रहने वाले श्याम से हुआ था,विवाह के पश्चात सुनीता और श्याम दो पत्नियों के माता-पिता बने। लेकिन पुत्रियां होने पर परिवार के लोग ताने देने लगे
और प्रताड़ित करने लगे इससे दुखी होकर सुनीता बीमार हो गई
विवाद बढ़ने पर सुनीता के पिता उसको अपने यहां कनाड ले आए
एक पुत्री पिता के पास रही और दूसरी पुत्री माता के पास रही इस पर सुनीता द्वारा बागली न्यायालय में अपने पति के विरुद्ध स्वयं के भरण पोषण एवं नाबालिग पुत्री के भरण-पोषण के लिए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया न्यायालय द्वारा सुनीता का आवेदन स्वीकार कर श्याम के विरुद्ध भरण पोषण का आदेश पारित किया। इस मध्य दोनों बहने अलग अलग रहने से दुखी रहने लगी और उन्होंने माता पिता को लगातार आग्रह किया कि दोनों बहने एक साथ रहना चाहती हैं इसलिए जरूरी है कि मम्मी पापा भी एक साथ रहे एक साथ रहे।
प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी विवेकसिंह राजन के न्यायालय में भरण पोषण की वसूली के प्रकरण में सुनीता और श्याम के बीच दोनों पुत्रियों के खातिर राजीनामा हुआ। सुलह कराने में और जायसवाल दंपत्ति का घर बसाने में न्यायाधीश राजन, प्रार्थिनी सुनीता के अभिभाषक प्रवीण चौधरी कुणाल चौधरी रवि जाटव निलेश उपाध्याय अमन हुसैन रितिक चौधरी दारा सिंह सेंधव एवं प्रति प्रार्थी श्याम की ओर से अभिभाषक महेंद्र पाटीदार अखिलेश परमार संदीप पाटीदार सचिन पाटीदार प्रवीण यादव की समझाइश से राजीनामा हुआ दोनों पुत्रियां प्रियांशी और परी अपने माता पिता के साथ रहने के लिए लोक अदालत से खुशी खुशी रवाना हुई। प्रियांशी और परी बोली हम साथ साथ हैं। सुनीता अपने बच्चियों के साथ पिया के घर चली। सुनीता और श्याम ने कहा कि हमारी लाडली बेटियों की खुशी में ही हमारी खुशी है।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजकुमार यादव,श्रीमती संगीता पटेल एवं न्यायाधीश विवेकसिंह राजन एवं अधिवक्ता गणों ने पौधे प्रदान कर उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी । इसके पूर्व नेशनल लोक अदालत में सुनीता और श्याम ने एक दूसरे को पुष्पा हार पहनाकर स्वागत किया।
और आजीवन साथ रहने का संकल्प लिया।