देवास। जिसने करनी को छोड़कर कथनी को महत्व दिया उसको दूर से ही तज देना चाहिए।जैसे खेत में फसल बो दी तो एक दाने के हजार दाने हो जाते हैं। लेकिन अगर आपने फसल बोई ही नहीं तो दाने हजार कहां से होंगे… ऐसे ही झूठे मानव की कभी संगति और विश्वास नहीं करना चाहिए क्योंकि झूठे मानव की कथनी और करनी में अंतर होता है। उक्त विचार बुधवार को बालगढ़ चुना खदान स्थित कबीर प्रार्थना स्थली पर ध्वजारोहण कार्यक्रम के दौरान साहेब मंगलनाम ने व्यक्त किए। उन्होंने आगे कहा कि परखावे गुरु कृपा करी,अक्षर की संहिदान, निज बल उदय विचार से, तब होवे ब्रह्मांन। गुरु ने तो रोज आपसे सदविचार व्यक्त किए। लेकिन आपका निज बल उदय नहीं होता। सत्य,असत्य के माप को शब्द किया आधार,परखो संतो शब्द को त्रिविध भेद विचार। ध्वजारोहण के महत्व को विस्तार से बताते हुए मंगल नाम साहेब ने बताया कि ध्वजा को देखकर सदगुरु कबीर की निर्वेध जीवनी व्यसन मुक्त जीवन जीने की राह को अपने जीवन में उतार कर अपने इष्ट मित्रों सहित निर्णय सं जीवन जीने की प्रेरणा देता है। ध्वजारोहण जीवन में सुख और शांति का प्रतीक व सुरक्षा का प्रतीक होता है। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भक्त मौजूद थे। उक्त जानकारी बाबूलाल ओसवाल ने दी।
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