Breaking News

कॉलानीबाग से सिद्धिविनायक भक्त मण्डल की 51वीं भागवत कथा के संकल्प का शुभारंभ 

रामायण मर्यादा के साथ जीना सिखाती है और भागवत मोक्ष के मार्ग को दिखाती है-मझले मुरारी बाप

देवास। जीवन की तीन अवस्थाएं बचपन,जवानी और बुढ़ापा। इन तीनों अवस्थाओं के साथ समय,शक्ति और पैसा साथ चलता है,किन्तु बचपन में समय है,शक्ति है पर पैसा साथ नहीं देता है। जवानी में पैसा है,शक्ति है पर समय साथ नहीं देता है। वहीं बुढ़ापे में समय है,पैसा भी है मगर शक्ति नहीं है। जिस अवस्था में ये तीनों तत्वों में से एक तथ्व साथ नहीं देता है,उसे हम आााव कहते हैं,परन्तु इन तीनों के न होने के बाद अगर के भक्ति के भाव हैं तो उस आभाव की पूर्ति स्वत:ही हो जाएगी, क्योंकि आध्यात्म संस्कार से पैदा होता है। बचपन में बच्चो को जैसा संस्कार देंगे, वैसा ही वो जवानी में सदुपयोग करेगा। जिसने जवानी में समय का सद्पयो कर लिया और भक्ति भाव के साथ अध्यात्म को स्वीकार कर लिया तो वह बुढ़ापे मे ईश्वर के प्रति असक्ति की शक्ति प्राप्त होगी। वर्ना जीवन में जितना भोग भोगोगे,उतने ही रोग भी होंगे। घर में रामायण रखी हैं, किन्तु पढ़ी नही जाती है, किन्तु जिस घर में रामायण पढ़ी जाती है,उस घर मर्यादा स्वत: ही आ जाती है, क्योंकि रामायण मर्यादा के साथ जीना सिखाती है और श्रीमद् भागवत मोक्ष के मार्ग को दिखाती है। ये आध्यात्मिक विचार सिद्धिविनायक भक्त मण्डल द्वारा कोरोना काल में दिवंगत जीवात्मा के मोक्ष के लिए 51 श्रीमद् भागवत कथा करवाने के संकल्प के साथ पहली कथा का शुभारंभ कॉलानी बाग के सी सेक्टर से हुआ,जिसमें श्रीमद् भागवत कथा के महत्तम को बताते हुए भागवताचार्य मझले मुरारी बापू ने कहे। आपने कहा कि जब भगवान कृष्ण अर्जुन को गीता का उपदेश सुना रहे थे,तब हनुमानजी रथ के ध्वज पर बैठकर उपदेश सुन रहे थे। भगवान ने कहा कि आपने व्यास पीठ से ऊपर बैठकर के भागवत गीता के उपदेश का श्रवण किया है,जबकि श्रवणकर्ता भूमि पर बैठक ही श्रवण करता है,तभी उसे पुण्य का लाभ मिलता है,वरना पाप का भागीदारी भी बनता है। अत: मैं तुम्हें प्रेत होने का श्राप देता हूं, किन्तु तुम भक्त हो,इसलिए तुम्हें यह वचन देता हूं कि तुम पृथ्वी पर मनुष्यों को भूत-प्रेतों के कोप से बचाने का काम करोगे। जो मनुष्य तुम्हारा नाम लेगा उसके निकट कभी भूत-पिशाच नहीं आएंगे। मैं समस्त सनातन को हनुमान चालिसा का पाठ नित्य करना चाहिएं,फिर वह बालक हो, या स्त्री हो या पुरुष हो। सिर्फ हनुमान चालिसा का पाठ करते वक्त पवित्रता का ख्याल रखें। शुद्धता से हनुमान चालिस का नित्य पाठ करने वाला व्यक्ति हमेशा भगवान का प्रिय होता है। 

भागवत कथा के प्रसंगों का वर्णन करते हुए श्रीमद् भागवत कथा के महत्वों सुंदर वर्णन किया। इस अवसर पर 51 भागवत कथा का संकल्प लेने वाले समाजसेवी प्रदीप चौधरी ने बताया कि सिद्धिविनायक भक्त मण्डल द्वारा लिए गए 51 भागवत कथा के संकल्प के प्रभारी विशाल यादव रहेंगे। इस अवसर पर आपने कहा कि कोरोना काल सहित अन्य घटनाओं में दिवंगत हुए पित्रों के मोक्ष के लिए कोई भी यजमान इस कथा सहभागी बनकर लाभ उठा सकता है। कथा के पूर्व शोभा एवं कलश यात्रा निकाली गईं। यह यात्रा कॉलानी बाग के दुर्गा मंदिर से कथा स्थल पर पहुंची। तत्पश्चात 3 बजे से कथा का शुभारंभ हुआ। व्यासपीठ की पूजा मुख्य यजमान राजेन्द्र पंड्या ने सपरिवार की। आरती में पूर्व महापौर रेखा वर्मा,जयप्रकाश शास्त्री,दिग्विजयसिंह झाला, विजय चौधरी,राजेश गुप्ता,चंद्रपालसिंह सोलंकी,बंटी तोमर, प्रशांत गुप्ता,आर.सी.चौधरी,हिमांशु कदम,सुरेश चौधरी आदि उपस्थित थे। कथा प्रभारी यादव ने अतिथियों का स्वागत किया एवं आभार प्रदीप चौधरी ने माना।

About Rajesh Malviya

Reporter since last 25 years..

Check Also

एक्ट ईव फाउंडेशन द्वारा आयोजित सुनहरे दौर के गीतों का देर रात तक आनंद लेते रहे श्रोता…..

देवास। शहर की सामाजिक संस्था एक्ट-ईव फाउंडेशन द्वारा रविवार को आयोजित सदाबहार गीतों की शाम …

error: Content is protected !!